Newspost, Social Media Desk. @rohitgupta

आज प्रोफेशनलिज्म का बोलबाला है। संवेदनशीलता में भारी गिरावट आई है। अधिकतर युवा अपने कैरियर - अधिक पैसा, ऐश्वर्य और आजाद जिंदगी जीने की होड़ में हैं। ऐसा नहीं कि यह वातावरण उन्होंने खुद बनाया हो, इसके लिए उनके अभिभावक और सामाजिक परिस्थितियां भी जिम्मेदार हैं। अपवादों को छोड़ दें तो क‌ई वर्षों तक अपने घर, परिवार और संस्कार से दूर रहकर पढ़ाई अथवा जॉब करने वाले युवा गाहे-बगाहे किसी न किसी के करीब चले जाते हैं। बस फिर यहीं से शुरू हो जाता है 'लिव इन रिलेशनशिप'। वास्तव में इस संबंध के मूल में केवल मस्ती ही होती है। इसे पशुवत संबंध कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।

महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन ने यह कहा-

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल महामहिम आनंदीबेन पटेल ने बच्चियों के लिए बीएचयू के दीक्षांत समारोह में जो कहा है वह ध्यान देने योग्य है।”लिव इन रिलेशनशिप’ समाज के लिए एक बड़ा खतरा है। लोग मजे लूटकर छोड़कर चले जाते हैं।” राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वाराणसी में ये बात कही है।

वाराणसी में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि “बेटियां लिव इन रिलेशन में न आएं। उन्होंने टुकड़े करके भरने वालों को देखा है।” उन्होंने कहा कि “अगर लिव इन रिलेशनशिप का सच देखना है तो आप अनाथालय में जाकर देखें। वहां आपको 18-20 साल की लड़कियां अपनी गोद में एक एक साल के बच्चे लिए लाइन में खड़ी मिल जाएंगी। लिव इन नैतिक रूप से भी सही नहीं है।”

अब सवाल 🌀▶️ आनंदीबेन जी की बातों से आप कितने सहमत हैं ? समाज को विशेषकर भावी भारत, आज के युवाओं को सही दिशा दिखाना हमारा आपका कर्तव्य है। युवा मित्र भी अपने विचार जरूर व्यक्त करें !🙏🏻

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